एक सलाम हमारे सैनिकों के नाम
एक सलाम हमारे सैनिकों के नाम
वो किसी रंगीन सपने का मोहताज नहीं,
देशभक्ति की लगन वो दिल में पाले हुए हैं,
यह हमारा देश हमारा ही रहेगा,
मुद्दतों से यह ख्याल वो दिल में सँभाले हुए हैं,
और वो चट्टानों सा खड़ा रहता है
सारा दिन, सारी रात,
चाहे ठंड हो,
धूप हो या हो बरसात,
वो सैनिक हैं साहब,
ज़रा कुर्सी से उतर के तो देखों
उनके पैरों में भी छालें हुए हैं।
कल्पना में वो सैनिक अपनी माँ की गोद में
सिर रख सो जाया करता होगा,
और अंधेरी रातों में भरे सन्नाटों में वो
अपनी पत्नी का भी हो जाया करता होगा,
बच्चों की याद में सबसे छुप के
वो आँसू भी बहाता होगा,
और मृत पिता के सम्मान के लिए
वो सैनिक देश की मिट्टी को भी
लबों से लगाता होगा।
इस सोच में डूब जाता हूँ कि
किस वीर ने देश के लिए मरने को
शहादत का नाम दिया होगा,
देश के प्रति ईमानदारी को उसनें मजबूरी नहीं,
आदत का नाम दिया होगा,
उन सैनिकों के खातिर कम से कम
मत करो मेरा देश तुम बदनाम,
और आज तहे दिल से करता हूँ
एक सलाम हमारे सैनिकों के नाम,
और आज तहे दिल से करता हूँ
एक सलाम हमारे सैनिकों के नाम...।