एक पल में..!
एक पल में..!
"छोटी बहन की याद में "......!!
एक पल में अभी वो साथ थी
एक पल में वो कहीं खो गई
एक पल में वो खिलखिलाई थी
एक पल में वो ओझल हो गई।
सपने बुने थे हजारों उसने
सपनों को क्यों अधूरा छोड़ गई
दूर तक साथ निभाने का वादा था
फिर बेसहारा हमें क्यों अकेले छोड़ गई।
कई आंसू गिरे
कई अरमान टूटे
जीवन मझधार में छोड़ गई
जो सपने पूरे करने थे
उन्हें बीच राह वो छोड़ गई।
कुछ लकीरें मिट गई हैं
जिंदगी के पन्ने पलट गए
एक पल का वो हसीन ख्वाब
आंखों में ही कहीं ठहर गए हैं।
बहुत कुछ बदल गया है
जिंदगी रुकी थमी हो गई
तू तो चली गई उस जहां "नू.."
एक तूफ़ान सा हमारे जहन में छोड़ गई।