एक कोना खुद के लिए
एक कोना खुद के लिए
मुठ्ठी में कैद कर
चलती हूँ ख्वाबों को।
लोगो की भीड़ में
घड़ी की सुइयों
की तरह घूमती
नजरें तलाशती है
एक कोना
खुद के लिए।
मुठ्ठी में कैद कर
चलती हूँ ख्वाबों को।
लोगो की भीड़ में
घड़ी की सुइयों
की तरह घूमती
नजरें तलाशती है
एक कोना
खुद के लिए।