एक ही वजह चाहिए
एक ही वजह चाहिए
मैं चाहता हूँ आसमान में उड़ जाऊँ,
पर पंख चाहिए
मैं चाहता हूँ तूफ़ान से लड़ जाऊँ,
पर मज़बूत कश्ती चाहिए
पंख है पर उड़ नहीं सकता,
कश्ती मजबूत है पर लड़ नहीं सकता
खुद से समझो एक बात क्योंकि
दूसरा समझा नहीं सकता
उड़ने के लिए पंख नहीं
हौसलों में उड़ान चाहिए,
तुफान से लड़ने के लिए मजबूत
कश्ती नहीं जिगर मजबूत चाहिए
अरे चलने के लिये तो पैर चाहिए,
पर चलते रहने के लिए जिद चाहिए
अगर हार मानने के लिए
एक वजह ही काफी है
तो वापस उठ खड़े होने के लिए भी
एक ही वजह चाहिए।।