एहसास तुम्हारा
एहसास तुम्हारा
सात बजते ही
जब मेरे फोन की घंटी बजती है,
तुम्हारे आने का आकलन मेरा हृदय कर लेता है!
भले ही तुम्हारे आने में विलम्ब हो,
फिर भी नजरें तुम्हारे आने का आश्वाशन देतीं हैं,
आहट तुम्हारी पहचानती हूँ,
आहट तुम्हारी पहचानती हूँ..!
ये जान कर भी कि तुम नहीं आए हो अभी,
फिर भी द्वार पर जा, एक बार देख लेती हूँl
प्रेम तुम्हारा!
प्रेम तुम्हारा प्रियवर ईश्वरीय वरदान है,
तुम भले ही इस बात से अनजान हो,
पत्थर नहीं जीवंत हो ये जानतें हैं,
फिर भी तुम्हें अपना ईश्वर मानते हैं।।