ए खुदा
ए खुदा
1 min
121
सर्द इस मौसम में बस जिए जा रहे हैं
दामन में बस सफा है
इसी का गुमान किया तो तुम घमंड समझ लिए
तू पाक हैं तू परवर्दिगार है बस यह इल्तिज़ा है
कि मेरी जिंदगी के मकसद में टिका रहूं
रब का रास्ता बस मेरे दिल का रास्ता हों
लफ्जों की भीड़ में भूल ना जाऊँ जो
मेरे दीन की सीख हो।