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SANDIP SINGH

Inspirational

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SANDIP SINGH

Inspirational

दूर्जन से दूरी भली

दूर्जन से दूरी भली

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दूर्जन से दूरी भली, सदा करे आघात।

 घोंपे पीछे वह छुरा, उसका यह है जात।।


दूर्जन से दूरी भली, मन में रखता पाप।

करता साथी का बुरा, रहें अलग सो आप।।


दूर्जन से दूरी भली, लगा सके वह दाग।

कर सकता बदनाम भी, नहीं जानता राग।।


दूर्जन से दूरी भली,बाधा में दे डाल।

रुक जायेगा काम भी, बुरा होत तब हाल।।


दूर्जन से दूरी भली, फँसा सके वह जान।

उलझन देगा आप को, करे नाश वह मान।।


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