दुनिया: एक जंग
दुनिया: एक जंग
ये दुनिया भी जैसे कोई जंग है
यहां हर कोई दूसरे की खुशी
से तंग है
खुद की खुशी से खुश नहीं,
खुद के दुख से दुखी नहीं
चिंता तो इस बात की है
कि पड़ोसी की ज़िंदगी में
अभी घुल रहे कौन से रंग हैं
अपने घर के काम में मन
नहीं लगता
दूसरे के घर की तांक झांक
में ही तो अमन है
खुद के माँ बाप से ही मुंह
जोरी करते हैं
पर दूसरों को उनके जीवन
के लिए देते खूब गुरुमंत्र हैं
दूसरों पर तानाकशी करने में
बहुत रस मिलता है
पर दूसरों की दी हुई सीख से
करते बहुत रंज हैं
ये दुनिया भी जैसे कोई जंग है
यहां हर कोई दूसरे की खुशी से तंग है