दर्द
दर्द
वो जब दर्द का बहाना बनाने लगे,
फूल कांटों से दूर दूर जाने लगे,
यौवन भरी कशमकश प्यास अपनी,
जिंदगी में तर वतर हो बुझाने लगे।
काश बदजात मोहब्बत से दूर होते,
जिंदगी भर दिल से महफूज़ होते।
क्या कहूं तकदीर का मारा,
जिंदगी में बेसहारा हो गया,
सहारा जिसे समझा कभी,
वो दिल बेदर्द बेवफा गया।