दर्द
दर्द
गर दर्द का ख़रीददार होता कोई
तो सबसे अमीर हम होते।
आँसुओं से नवाज़ा जब तुने,
नवाबों के नवाब बन बैठे।
सपनों के घरौंदे में
मेहमान नवाजी, दर्द की कर बैठे।
बहार से जो फूल चुन लाए हम,
उन्हीं से अपने हाथ जला बैठे !
गर दर्द का ख़रीददार होता कोई
तो सबसे अमीर हम होते।
आँसुओं से नवाज़ा जब तुने,
नवाबों के नवाब बन बैठे।
सपनों के घरौंदे में
मेहमान नवाजी, दर्द की कर बैठे।
बहार से जो फूल चुन लाए हम,
उन्हीं से अपने हाथ जला बैठे !