दोस्त
दोस्त
दोस्त दुनिया मे सबसे प्यारा है तुम्हारे दोस्ती का अंदाज...
तभी तो हम तुम्हारी दोस्ती पर फ़िदा है मेरे यार..
दुनिया मे सबसे कीमती है कोहीनूर...
पर मेरे लिए सबसे कीमती है तेरी दोस्ती का नूर..
जैसे तितली ओर भवरे को अच्छा लगता है फूलो का रस...
उसी तरह मुझे सबसे प्यारा लगता है तेरी दोस्ती का रस...
दोस्त सबसे प्यारी लगती है मुझे तुम्हारी मुस्कान...
क्योंकि जब तुम हंसते हो तो दिखते हैं तुम्हारे पीले दाँत...
तुम पेन से घुमाते हो चकरी पर तुम को नहीं पटानी आती कोई ब्यूटीफुल सी छोकरी....
कब से ढोल नगाड़े लेकर कर रही हूँ भाभी का इंतजार....
अब जल्दी से शादी कर ले मेरे यार....
नहीं भाती है तुम को इलायची....चल करेली जल्दी से बता कब लायेगा तूप्यारी सी इलायची
मेरी हर कविता मे मुझको इतने नहीं मिलते अल्फ़ाज....
ए दोस्त जब तेरी दोस्ती पर लिखूं तो अल्फ़ाजो की हो जाती है बरसात...
जैसे बारिश मे चाहिए छाता उसी तरह कभी ना छोडना ये दोस्ती का साथ..
ज़िन्दगी मे निभाना है मेरी आखरी साँस तक एक रिस्ता वो है तेरी दोस्ती है मेरे यार..
चल बहुत हो गयी मेरी बक बक.... मेरी पक पक सुन कर तेरा दिमाग हो ना जाए इरिटेट उससे पहले चलती हूँ यार...
आज के लिए इतना ही फ़िर लेकर आयेगे कुछ अलग सा बैटरी....
चलो एक बार फ़िर से मुबारक हो ये दोस्ती का त्योहार....