दो पल की ज़िन्दगी।
दो पल की ज़िन्दगी।
देख लिया आज सवेरा भी हो गया है,
चाँद और तारे भी करने जाते आराम।
आ गया है सुबह सूरज के साथ उजाला,
जपते हैं सुबह-शाम राम नाम की माला।
करते रहें सबसे पहले अपने ज़रूरी काम,
सूरज चांद और तारे यही तो देते है पैगाम।
ज़िन्दगी भिन्न-भिन्न तरह के खेल दिखाती,
दो पल की ज़िंदगी पागल तक करके जाती।
सूरज चांद और तारे साथ ही रहना सिखाते,
हम मतलबी इंसान ये कभी नहीं समझ पाते।
जल्दी मत करो सीखो ये सबसे जरूरी बात,
अगर सोना चाहते हो अमन-चैन से हर रात।