दिल
दिल
तुमको बड़ी शिद्दत से
बाहों में भरने को जी चाहता है
आज फिर तेरे क़दमों पर
बिछने को जी चाहता है
रूह को सुकूँ शायद
तेरे दीदार से मिलेगा
फिर तुझे सज़दा करने को
जी चाहता है चाहत तो
बहुत सी है मेरे दिल मे
उसी दिल मे तुमको
समाने को जी चाहता है
एक तेरी ख़्वाहिश
तन्हा मेरे दिल को
तमाम ख्वाहिशों में बस
एक तुझे पाने को जी चाहता है
चुम लो तेरे लबों को
अपनों लबों से छूकर
आज कुछ इस
क़दर सिमटने को
जी चाहता है खो
देने का डर तुम्हे
कभी मेरे पास नही लाया
आज उस डर को भूल
जाने को जी चाहता है
काश! मेरी खामियां
तुम भुला सको
उनको भुलाकर मुझको
अपने सीने से
तुम लगा लो बस यहीं मंज़र
अब सच करने को जी चाहता है
पढा है कई मरतबा मैंने
तुम्हारा चेहरा यह किताबी
आज उस किताब को
फिर पढ़ने को जी चाहता है
बहुत दर्द देखा है
आंखों में तुम्हारी
आज उस दर्द को
मिटाने को जी चाहता है
चाहत तो तुम्हे भी
अब हो आई है मेरी
कहो या न कहो इतना
तो समझ पाया हुँ
मग़र आज खुदको
आज़माने को जी चाहता है
खताओं को मेरी अब
तुम मुआफ़ करना
इश्क़ हो गया है जुनून अब
अब इस जुनून में फ़ना होने को
जी चाहता है।