Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Amit Kumar

Romance

4  

Amit Kumar

Romance

दिल

दिल

1 min
291



तुमको बड़ी शिद्दत से

बाहों में भरने को जी चाहता है

आज फिर तेरे क़दमों पर

बिछने को जी चाहता है

रूह को सुकूँ शायद 

तेरे दीदार से मिलेगा

फिर तुझे सज़दा करने को

जी चाहता है चाहत तो 

बहुत सी है मेरे दिल मे

उसी दिल मे तुमको

समाने को जी चाहता है

एक तेरी ख़्वाहिश 

तन्हा मेरे दिल को

तमाम ख्वाहिशों में बस

एक तुझे पाने को जी चाहता है

चुम लो तेरे लबों को

अपनों लबों से छूकर

आज कुछ इस 

क़दर सिमटने को

जी चाहता है खो 

देने का डर तुम्हे

कभी मेरे पास नही लाया

आज उस डर को भूल

जाने को जी चाहता है

काश! मेरी खामियां 

तुम भुला सको

उनको भुलाकर मुझको 

अपने सीने से

तुम लगा लो बस यहीं मंज़र

अब सच करने को जी चाहता है

पढा है कई मरतबा मैंने

तुम्हारा चेहरा यह किताबी

आज उस किताब को

फिर पढ़ने को जी चाहता है

बहुत दर्द देखा है 

आंखों में तुम्हारी

आज उस दर्द को 

मिटाने को जी चाहता है

चाहत तो तुम्हे भी 

अब हो आई है मेरी

कहो या न कहो इतना 

तो समझ पाया हुँ

मग़र आज खुदको 

आज़माने को जी चाहता है

खताओं को मेरी अब 

तुम मुआफ़ करना

इश्क़ हो गया है जुनून अब

अब इस जुनून में फ़ना होने को 

जी चाहता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance