दिल की पुकार
दिल की पुकार
ख्वाहिशें बहुत थी
दिल में अरमान भी थे
कि इश्क के राहों में साथ चलेंगे
पर ना जाने तुम किस राह में चल पडे
पर आज भी दिल मेरा तुमको ढूँढे।
आंसू पलकों पे ठहर जाते हैं
जब याद तुम्हारी आती है
और सब कुछ जैसे धुँधला सा लगता है।
दिल में एक कसक सी होती है
दर्द के सागर में जब हम डूब जाते हैं
क्या तुम्हे इसका एहसास होता है ?
कहते थे तुम दिल को दिल पुकारता है
आज भी ख्वाबों में नींद में
सोते जागते दिल मेरा तुम्हे पुकारता है
ना जाने तुम्हारा दिल सुन क्यूं नहीं पाता है।
मेरा दिल आज भी तुम्हें याद करता है
दर्दे दिल को संभालना मुश्किल होता है
आ जाओ एक बार तुम
मेरे दिल की धड़कन तुम्हें पुकार रही है।