दिल की बातें
दिल की बातें


दिल की बातें जब जुबां पर नहीं आ पाती हैं,
तन्हाइयों में बैचेनी परवान चढ़ जाती हैं।
तड़प दिल की जब उफान पर आती है,
खामोशियां जब और भी बढ़ जाती है।
जब कोई दूर-दूर तक नजर न आता है,
ख्याल बार-बार दिल में यही आता है।
सुना दूं दिल के जज्बातों को जमाने को,
लिख दूं कोरे कागज पर हर फसाने को।
ख्याल को मिलता है साथ कलम का तब,
कलम से हाले दिल कविता बन निखर जाता है।