दिल चुराना आसान नहीं
दिल चुराना आसान नहीं
दिल चुरा लेना आसान नहीं है
पसीने छूट जाते हैं चक्कर में
आंखों में आंसू आ जाता है
जब कोई सीधी मिल जाए टक्कर में।।
चक्कर पर चक्कर लगता है
धूप छांव का पता न होता
और यदि वो न आये तो
बिलख बिलख कर दिल ये रोता।।
खेल नहीं गुड्डे गुड़िया का
ये नदिया पर्वत का रण है
इसे थामना सरल नहीं
ये कोई बच्चू न कण है।।