STORYMIRROR

chandraprabha kumar

Others

4  

chandraprabha kumar

Others

दिखावा क्यों

दिखावा क्यों

1 min
24


    

आपके खुदा आप स्वयं हैं

परदा नहीं जब कोई ख़ुदा से,

तो बंदों से से परदा करना क्यों

अपनी एकरसता खोना क्यों ?


जो भीतर नहीं है ,वह नहीं ही है

उसके दिखावे का फ़ायदा क्या,

यह तो आपको ज्ञात ही है

जो भीतर है वही मायने रखता है ।


भीतर से प्यार आ रहा

या भीतर से क्रोध आ रहा,

जो भीतर से आ रहा

उसे बाहर प्रकट करना अच्छा ।


बाहर भी आपके बंदे हैं

उनसे क्या डरना ,

क्या परदा करना

किस बात की चिन्ता करना।


प्रकृति के हाथों सौंप दी

जब अपने जीवन की बागडोर,

फिर सब परम्परायें टूटें या रहें

कोई अन्तर न पड़ेगा आप को।


अपने भरोसे जीना शुरू कर दें

दूसरों के भरोसे जीना क्या ?

अन्दर बाहर विभाजित होकर जीना क्या?

प्रकृति के सामने किसी की बिसात क्या ?



Rate this content
Log in