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Deepti Tiwari

Abstract Drama

3  

Deepti Tiwari

Abstract Drama

दीवानी हूँ

दीवानी हूँ

1 min
217


तुम रख लो वो निशानी हूँ मैं 

सागर का बहता पानी हूँ मैं

तूम सुने तो कोई कहानी हूँ मैं  

आसमान से गिरता पानी हूँ मैं

समेट लो मुझे सीपों में 

अश्क नहीं मोती हूँ मैं  

रख लो वो निशानी मैं

फूल नहीं इत्र हूँ मैं, फैल जाने दो मुझे 

अनसुलझी कहानी हूँ मैं

अपनी नहीं बेगानी हूँ मैं

तूम करो भूल, नादानी हूँ मैं 

तुम्हारे मुहब्बत की पहली निशानी हूँ मैं 

तुम्हारे जिद के आगे बेमानी हूँ मैं 

रूह से लिपटी तुम्हारी अधूरी कहानी हूँ मैं

फुरसत नहीं है, रूखसत के लिए 

अभी हलक में जां बाकी हैं 

तुम्हारे आने की राह देखते देखते

अभी इम्तिहान बाकी है.  

सच कहूं तुम्हारे आँखों कि चमकती पहली निशानी हु मै,

तुम्हारे मुहब्बत की अनगिनत कहानी हु मै.

तुम रख लो वो निशानी हु मै.

सब कह दिया हैं मैंने मेरे आखरी लफ़्ज़ों मै,

मुँह पर कफन ना रखना ,

शायद मेरा कोई अपना आने वाला हैं.



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