दीवानी हूँ
दीवानी हूँ
तुम रख लो वो निशानी हूँ मैं
सागर का बहता पानी हूँ मैं
तूम सुने तो कोई कहानी हूँ मैं
आसमान से गिरता पानी हूँ मैं
समेट लो मुझे सीपों में
अश्क नहीं मोती हूँ मैं
रख लो वो निशानी मैं
फूल नहीं इत्र हूँ मैं, फैल जाने दो मुझे
अनसुलझी कहानी हूँ मैं
अपनी नहीं बेगानी हूँ मैं
तूम करो भूल, नादानी हूँ मैं
तुम्हारे मुहब्बत की पहली निशानी हूँ मैं
तुम्हारे जिद के आगे बेमानी हूँ मैं
रूह से लिपटी तुम्हारी अधूरी कहानी हूँ मैं
फुरसत नहीं है, रूखसत के लिए
अभी हलक में जां बाकी हैं
तुम्हारे आने की राह देखते देखते
अभी इम्तिहान बाकी है.
सच कहूं तुम्हारे आँखों कि चमकती पहली निशानी हु मै,
तुम्हारे मुहब्बत की अनगिनत कहानी हु मै.
तुम रख लो वो निशानी हु मै.
सब कह दिया हैं मैंने मेरे आखरी लफ़्ज़ों मै,
मुँह पर कफन ना रखना ,
शायद मेरा कोई अपना आने वाला हैं.