धुंधले चेहरे
धुंधले चेहरे
आज घर की सफाई करते-करते सोचा
मन की भी सफाई थोड़ी सी कर ली जाए
की जो शुरुआत तो उभर आए कुछ चेहरे समझ न पा रही थी
आज तक क्यों रखा इन्हें संभाले धुंधले से हैं चेहरे
शायद परत पड़ी है धूल को बदलते मौसम में छुपा रखने की कोशिश हो गई फिर असफलन कर पाई मन से उन्हें बाहर जीवन में होते हैं कुछ पल कड़वे पर होकर कड़वे भी हौसला उड़ान की दुगुनी कर जाते हैं।