धुआँ
धुआँ
धुआं - धुआं सब हो रहा है
जाने क्या यह हो रहा है
धुआं - धुआं सब हो रहा है
जाने क्या यह हो रहा है
बहते नदियां नीर नही है
दर्द की अब पीर नही है
नसीबा का कहीं पर
सो रहा है..
धुआं - धुआं सब हो रहा है
मिल गया है जो था चाहा
मिल गया है जो था चाहा
फिर भी कुछ तो खो रहा है
धुआं - धुआं सब हो रहा है
जो थे अपने सपने हुए है
जो थे अपने सपने हुए है
सपने सारे अपने हुए हैं
मर्म फिर भी खो रहा है
धुआं - धुआं सब हो रहा है
जाने क्या यह हो रहा है...