धरा
धरा
तुम बन जाना गुलशन प्रिये
हम गीत खुशी के गाएंगे..
तुम छू जाना आसमां को
हम अंबर धरा कहलाएंगे..
मन का विश्वास रगों में बसा के
तुम छू जाना मेरे मन को..
हम तुझमें ही जी जाएंगे
तुम चांद हमारा बन जाना..
हम सितारा बन जाएंगे
जब भी तुम निकलोगे रातों में..
तुम्हारी रौशनी से हम भी
रौशन हो जाएंगे।।