धन्य हो भगवान
धन्य हो भगवान
धन्य हो भगवान
तूने मात- पिता को बनाया
उनके रूप में तु स्वयं चलकर आया
माँ न होती तो शीतल ममता
की छाया कहाँ से पाते
गोदी का झूला कौन झुलाता
रात की लोरी कौन सुनाते
पिता न होते तो
कौन सा कंधा हमें सुलाता
कौन सी उंगली हमें चलाती
जीवन की पथरीली राहों पर
ये संतान तो भटक ही जाती
आज आपके ही कारण
इस धरती पर जन्म है पाया
पथरीली राह पर
मुझको चलना आया
धन्य है प्रभु तेरी हर माया
तूने अद्भुत मात - पिता को बनाया।