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JAYANTA TOPADAR

Inspirational

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JAYANTA TOPADAR

Inspirational

दहलीज़...

दहलीज़...

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ये प्यार कोई खेल नहीं,

अपनी चाहत की नुमाइश न करें !

दिल की बात जब बाज़ार तक पहुंचती है,

तभी रिश्तों में दरारें पड़ जाती हैं...।


क्या कोई दौलत-ओ-शोहरत से

दिल की बाज़ी लगा सकता है ?

ये प्यार-मोहब्बत तो ऊपरवाले की देन है ;

इसका व्यापार करने वाले कभी

इज़हार-ए-दिल कर ही नहीं पाते...!!


जब कोई पूरी सादगी से

रिश्ता क़ायम रखता है,

सिर्फ तभी दिल-ए-गुलशन में

बहार आती है,

नहीं तो, सारा आलम बस खाक है।



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