धीरे से
धीरे से
धीरे धीरे से चुभते जा रहे हैं
जिंदगी के फसाने
कुछ नया पाने की खुशी खोजे जा रहे,
कुछ आगे बढ़ने के मुकद्दर पे जा रहे
धीरे से जिंदगी की घड़ी है चल रही
हमारे सफर का हर एक पल है बढ़ रहा
कुछ खोने के डर से रोए जा रहे,
कुछ मिलने की उम्मीद में तरस खा रहे
धीरे से कोशिश करे जा रहे हैं
बिना मतलब के साथ भाव से प्रेरित जा रहे हैं
कुछ जोड़ने के प्रयास किए जा रहे,
कुछ लोग उसे तोड़ने के प्रयास में है
धीरे से खुद को संभालने में लगे जा रहे हैं
खुद को मुकम्मल बनाते जा रहे हैं
कुछ हंसने-रोने के लिए समेट रहे,
कुछ भुलने-भुलाने लगे जा रहे
धीरे से जिंदगी चलती जा रही है
हमारे रथ की रफ्तार बढ़ती जा रही है
धीरे से चुभते कांटे कि तरह उम्र कटती जा रही हैं।