दहेज
दहेज
जबसे आया दानव दहेज
का इस समाज में ,
बिक-सा गया है हर लड़की
का पिता कल आज में।
हर लड़के वाले धन का
करते ज्यादा मांग हैं ,
जिससे लड़की वाले
अक्सर हो जाते परेशान हैं ।।
हर लड़की इस धरती
पर बनी हुई एक भार है ,
उसके प्रति कम होता जा
रहा सभी का प्यार है।
कैसे करे हाथ पीले
धन नहीं है पिता के पास में ,
बिक-सा गया है हर लड़की
का पिता कल आज में ।
मार न डालें लड़की को
ये सोचकर वो डरतें हैं ,
मजबूर होकर वो उनकी
मांग पूरी करतें हैं ।।
पता है सभी को दहेज लेना
देना दोनों ही अपराध है ,
लेकिन इस कानून को
करता कौन स्वीकार है ।
सोचकर ब्याह की बात को
नींद नहीं आती है पिता को
रात में ,
बिक-सा गया है हर लड़की
का पिता कल आज में ।।