देश
देश


देश को निहार लें,देश को निखार लें
आओ हम सभी मिलें,देश को सँवार लें।।
लोकतंत्र,प्रजातंत्र,जनता का राज है
राजा नहीं कोई यहाँ,प्रजा का ही राज है
देश की पुकार पर,ख़ुद को भी पुकार लें
आओ हम सभी मिलें, देश को सँवार लें।।
वाणी स्वातंत्र्य,मिली जीने की आज़ादी
आज़ाद भारत में, खिलने लगी आबादी
देश के लिए हम भी, तन-मन-धन, वार लें
आओ हम सभी मिलें, देश को सँवार लें।।
जनहित के काम सभी,करते ही रहें सदा
निष्ठा से काम करें,संयम भी रखें सदा
अपने कर्तव्य करें, फिर हम अधिकार लें
आओ हम सभी मिलें, देश को सँवार लें।।
धर्म -जाति ,ऊँच -नीच,भेद -भाव ,रहे नहीं
आपस की दूरी घटे,वैर भाव रहे नहीं
मन की कलुषता, मन में ही सुधार लें
आओ हम सभी मिलें, देश को सँवार लें।।
शिव का संकल्प लें,सुन्दरता मन में रहे
सत्य का ही आग्रह हो,सत्य वचन मुख से कहें
विचलित ना हों ‘उदार ‘,ख़ुद ही विचार लें
आओ हम सभी मिलें, देश को सँवार लें।।