देश
देश


इस दुनिया में जाने कितने
और भी होंगे देश महान
लेकिन मुझको है उन सबसे
प्यारा अपना दिंदुस्तान
देश की बोली देश की बातें
उजले से दिन जगमग रातें
और कहाँ अपनापन ऐसा
हर दिल में जहाँ हो बसते राम
पत्थर में भी देव हैं बसते
नदियों में अमृत है बहते
माँ की ममता ऐसी जैसे
निर्बल मे भी फूंके जान
परदेसी भी अपने बन जाते
द्वार से कभी ना वापस जाते
हो जाते है गैर भी अपने
ऐसी है अपने देश की पहचान
सबसे प्राचीन धरोहर अपनी
सबसे उन्नत बोली अपनी
हमसे हीं संसार बना है
हम से है इस जग की शान
इस जग में है सबसे प्यारा
मुझको मेरा हिंदुस्तान।