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देश की स्वतंत्रता के बाद

देश की स्वतंत्रता के बाद

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देश की स्वतंत्रता के बाद,

बताओ क्या हम हैं आज़ाद, 

मैं तुमसे पूछ रहा हूं 


दुखद घटनाओं से हर बार, 

भरा होता पूरा अखबार,

दिनो दिन होते भ्रष्टाचार, 

ग़रीबी तड़प रही लाचार, 

करें वो किससे अब फरियाद

देश की स्वतंत्रता के बाद। 

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ


दिया अंग्रेजी भाषा रूप, 

कि जैसे छाया में हो धूप, 

लिया हिंदी का आज स्वरूप, 

समझते बोल जिसे हर भूप, 

छोड़ अंग्रेजों ने अवसाद- 

देश की स्वतंत्रता के बाद। 

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ


आज भी बना जातिगत भेद, 

जिन्हें सुन देख हुआ अब खेद,

करें पाखंड धर्म में छेद,

बहे नैनों से मेरे स्वेद,

करूँ जब बातें ऐसी याद- 

देश की स्वतंत्रता के बाद। 

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ


बाँध उनके हाथों जंजीर, 

मारकर पत्थर देते पीर,

कभी पंजाब कभी कश्मीर, 

बहुत से मारे जाते वीर,

बढ़ी है मौत की तादाद-

देश की स्वतंत्रता के बाद। 

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ


रहा करते जो हिंदुस्तान, 

लगाते नारे पाकिस्तान, 

घटाते भारत माँ का मान, 

मार भेजो उनको श्मशान, 

रखें क्यों सिर पर उनको लाद- 

देश की स्वतंत्रता के बाद। 

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ


न गाएँ वन्देमातरम गान, 

हैं भारत में ऐसे इंसान, 

समझते हैं खुद को विद्वान, 

मगर सच में हैं ये शैतान, 

बने फिरते रहते सैय्याद- 

देश की स्वतंत्रता के बाद। 

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ


न करता कोई मीठी बात

मचा रखा सबने उत्पात 

घात पर देते रहते घात 

एक-दूजे को देते मात

नहीं सुनते कोई संवाद-

देश की स्वतंत्रता के बाद।

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ


जगत में छाया कैसा रोग, 

अरे! करने नारी उपभोग, 

बेटियों पर कर हीन प्रयोग,

बने दुःशासन फिरते लोग, 

ज़िन्दगी करते ये बर्बाद- 

देश की स्वतंत्रता के बाद। 

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ


भले भारत माता का चित्र,

हमें लगता हो आज विचित्र, 

मगर पावन शुचि धरा-पवित्र, 

समाया है संस्कृति का इत्र, 

करूँ मैं मातृभूमि जय नाद- 

देश की स्वतंत्रता के बाद। 

मैं तुमसे पूछ रहा हूँ



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