डोर
डोर


कहते हैं
जताया न करो
मुझसे, कुछ भी बताया न करो
देता हूं जो कुछ तुम्हें
उसे मौन स्वीकारा करो
हासिल जो हुआ
उसे जाहिर न करो
अपनी दीवानगी
दिखाया न करो
लेकर प्यार मेरा
तुम इतराया न करो
बड़ी जालिम है जमाना
अपनी खुशियां दिखाया न करो
यकीन रखो खुद पर ....
बाहर मुझको तलाशा न करो
दूर हुआ नहीं लम्हात भर के लिए
झांक कर दिल में , मुस्कुराया करो
धड़कता है जब तक दिल तुम्हारा ........
मेरे सांसों को तुम गिन लिया करो
वो डोर जो बंधी है
तुमसे मेरी ,
उसके सहारे महसूस किया करो।