Day- 3 महोत्सव
Day- 3 महोत्सव


भारत भूमि त्यौहार की भूमि कहलाता
अनेकता में एकता की पहचान दर्शाता
अखण्डता और एकता से जाना जाता
हर त्यौहार यहाँ खुशी और उल्लास से मनाया जाता
दीपावली में दिये जलाकर ये प्रकाश पर्व माना या जाता
नफरत ,बैर मिटाकर हर इंसान ये उत्सव मनाता
जलाकर प्रेम के दीये जग गुलजार हो जाता
श्री राम चंद्र और माता सीता के वनवास से वापस आने की खुशी में ये त्यौहार मनाया जाता
गुलाबी, पीले,लाल रंग और गुलाल से होली का त्योहार मनाया जाता
मिटाकर आपस में गिले शिकवे
प्रीत से भरा होली का त्यौहार मनाया जाता
होंठ पर मुस्कान बिखरे हर कोई उमंग उत्साह से एक दूसरे को रंग लगा ता
होली का त्यौहार मोहब्बत की बौछारें कर जाता
दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक कहलाता
पुतला जला रावण का हर बुराई का नाश हो जाता
मिटाकर दिलों से पाप नफरत को दूर कर केवल प्रेम की वर्षा कर्ता
रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम को दर्शाता बहन भाई की सलामती की कामना करती और भाई बहन की रक्षा का वचन देता
हर त्यौहार (महोत्सव) हमारी संस्कृति भारत में अनेकता में एकता का संदेश देता नफरत, बैर मिटाकर मोहब्बत, भाइचारे से साथ मिलकर रहने का संदेश देता
यही ज़ज्बा हर एक इंसान का वो ही महोत्सव कहलाता।