दौड़
दौड़
कुछ किस्से अधूरे रह जाते है
कुछ रास्ते पीछे छूट जाते है
बस मंज़िल पर रखो नज़र अपनी
नहीं तो ख्वाब टूट जाते हैं
हर कोई इस दौड़ में शामिल
अपनो को ही भूल जाते है
कुछ किस्से अधूरे रह जाते है
कुछ रास्ते पीछे छूट जाते है
बस मंज़िल पर रखो नज़र अपनी
नहीं तो ख्वाब टूट जाते हैं
हर कोई इस दौड़ में शामिल
अपनो को ही भूल जाते है