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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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चंदा मामा कितनी दूर हैं

चंदा मामा कितनी दूर हैं

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अरे! ये क्या कह रहे हैं आप

चंदा मामा अब दूर नहीं

हम तो उनके ही पास हैं।

ताज्जुब हो रहा है 

कि अभी भी आपको विश्वास नहीं हो रहा है।

जब खुद मामा ने संदेश भेजकर

आप सबको ये सबको बताया

कि मैं यहां सकुशल आ गया हूं।

मैंने भी तो संदेश और सेल्फी भेजकर 

यहां पहुंचने की बात बताया था

फिर आपको विश्वास क्यों नहीं आया।

ओह ! अब समझ में आया

आप सब बड़े लालची जो हैं

उपहार की उम्मीद में मुंह में पानी भर आया होगा।

चलो ठीक है पर थोड़ा तो सब्र करो

मामा को भी सोचने

समझने

और इंतजाम का मौका तो दो,

मामा बेचारे सबके लिए इंतजाम में लगे हैं

हर किसी के लिए कुछ न कुछ भेजने का वादा

मामा हमसे कर रहे हैं।

हमको पाकर मामा खुशी से रो रहे हैं

मुझे अपने पास ही सुलाते हैं

रोज कहानियां भी सुनाते हैं

अब जब हम ही यह सब बता रहे हैं,

तब भी आप पूछ रहे हैं चांद कितनी दूर है

यानी मामा पर ही नहीं

हम पर भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।

आखिर आप मामा को क्यों शर्मशार कर रहे हैं?

नाहक हमें भी बदनाम कर रहे हो

मामा की नजरों में हमें गिरा रहे हो। 



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