चमकता हीरा
चमकता हीरा
बनकर सच्चा हीरा, सदा चमकते जाना
अवगुणों की धूल, खुद पर नहीं चढ़ाना
जीवन में तुम्हारे, लोग बहुत से आएंगे
झूठ फरेब के तुम पर, दाग कई लगाएंगे
हर पल रहना, परमपिता की छत्रछाया में
आत्मा है अनमोल, क्या रखा है काया में
केवल आत्मा को, गुणों से धनी बनाना
किसी का अवगुण, खुद में नहीं समाना
जिस दिन तुम, बेदाग हीरा बन जाओगे
विश्व गगन पर, खुद को चमकता पाओगे