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rekha shukla

Abstract

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rekha shukla

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चल पडेंगे....

चल पडेंगे....

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सिर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा

ईतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जायेगा

हमभी दरिया हैं हमे अपना हुनर मालूम है

जिस तरफ भी चल पडेंगे रास्ता हो जायेगा

मैं खुदा का नाम लेकर जी रहां हूँ दोस्तो

ज़हर भी इसमें अगर होगा तबाह हो जायेगा

रूठ जाना तो मोहब्बत की अदा हैं मगर 

क्या खबर थी मुझसे वो इतना खफा हो जायेगा।



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