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chandraprabha kumar

Others

4.5  

chandraprabha kumar

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छोटी सी मेरी बिटिया

छोटी सी मेरी बिटिया

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तुम्हारी आज की क्रीड़ा 

मेरे मन में समाई है,

इसको लिपिबद्ध करेगा कौन 

इसको छविबद्ध करेगा कौन?

तुम मेरी प्यारी नन्ही मुन्नी 

एक दिन बड़ी हो जाओगी ,

तब क्या फिर इतनी ही ममता से 

माँ को पकड़ बुला लाओगी। 


क्या यह विस्मृति में नहीं डूबेगा

कितनी जल्दी भूलने वाला मन है,

आज कुछ महत्वपूर्ण घटता है 

जो हमारे मन के भावों को

अनायास बॉंधे लेता है,

पर कल होते ही हम भूल जाते हैं 

क्या था जिसने हमको बॉंधा था ,

आज की तुम्हारी शिशु- मुख की छवि

समय के हाथों संवारी जाएगी,

भविष्य से झांकता तुम्हारा वह तरुण मुख ।


जब तुम अपने आप में केंद्रित 

पढ़ने में लीन होगी,

तब भी क्या तुम्हारी यह शिशुमुख छवि

आकर मुझे कौंध जाएगी। 

क्या स्वयं तुम्हें भी इसका 

कुछ भान रहेगा कि एक दिन 

तुम अम्मा को पकड़ बुला लायी थीं,

जहाँ अम्मा तुम्हारे लिए ही 

पत्रिकाओं में फ्रॉक का 

नया डिज़ाइन खोजती थी।


तुम आईं और बोलीं

अम्मा वहॉं चिड़िया है,

ख़ुशी से किलकता 

तुम्हारा वह सहास मुख।

पूछा था मैंने कहॉं है चिड़िया 

वहॉं कहकर तुमने बताया था।

तो जाओ देखो, कहा था मैंने

पर तुम बैठी रही ,अम्मा का सहारा लिये। 


फिर खींचकर बोली

चलो अम्मा छोटी सी चिड़िया है,

तुम्हारी वह हर्षोत्फुल्ल  छवि

कुछ नया देखने की उत्सुकता ,

देखे को अम्मा से कह देने की कामना,

मुझे पत्रिका समूह से खींच

तुम्हारे पास ले आई थी। 

तुम मेरी सवा दो साल की

नन्हीं कली ,अपने पापा की

चिड़ियों वाली किताब लिये बैठी थी। 


जो सुन्दर आर्टपेपर पर छपी थी

मैं किताब छीनने का

साहस न कर सकी,

मुग्ध हो देखती रही

वह प्यारा शैशव

जो मेरे पास आया था। 

तुम पुलक- पुलक किताब खोलती

नई-नई चिड़िया देख

स्वयं भी चिड़िया सी फुदक उठती। 

और पूछती अम्मा ये क्या है। 


चिड़िया है , मैं खोया सा जवाब देती,

मैं तुमको निरख रही थी 

और तुम चिड़िया को। 

नहीं , यह तोता है, तुम कहती,

हॉं बेटा, कहकर मैं स्वीकारती,

पृष्ठ पलटते तुम कुहुकती

गौरैया है, कौवा है ,बत्तक है

बगुला है , कोयल है। 


नन्हीं तोतली वाणी जितना जानती

सब बता देने को उत्सुक थी। 

और पूछती- 'अम्मा इसमें क्या लिखा है ?'

इसमें चिड़िया के बारे में लिखा है। 

तुम पूछती रहीं

मैं तुम्हें गुनती रही,

तुम्हारी भोली मुख छवि में

किशोर मुख देखने का प्रयास करती रही। 

कौन है जो इसको लिपिबद्ध करेगा

कौन है जो इसको छविबद्ध करेगा। 


 


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