चाँद निकला
चाँद निकला
चाँद निकला है
देखो जरा
आज पूरे शबाब में
शीतल हवा बह रही है
चाँदनी रात में ।
मन के तार को
छेड़ गया कोई
बिन बोले
बहुत कुछ कह गया कोई
चाँदनी रात में।
सागर की लहरें भी
मस्ती में झूम रहीं,
किनारे पत्थरों के
कानो में जाकर कुछ कह रहा
चाँदनी रात में ।