चांद के पार
चांद के पार
सोती रही दुनिया
अलाव झूठे पड़ गए
सर्दियों की बिसात पर
लोगों के महकमे उठ गए
हर किसी को न थी इजाजत
इस नूर-ए-जहां को इत्तिला करने की
ख़ामोशी रूह में समाई
और वे चांद के पार चले गए।
सोती रही दुनिया
अलाव झूठे पड़ गए
सर्दियों की बिसात पर
लोगों के महकमे उठ गए
हर किसी को न थी इजाजत
इस नूर-ए-जहां को इत्तिला करने की
ख़ामोशी रूह में समाई
और वे चांद के पार चले गए।