चाँद और मैं
चाँद और मैं
चाँद तुम भी हो अकेले,
कोई नहीं अब साथ है,
मैं भी तन्हा हूँ अकेली,
गुजरती ये रात है,
तुम उतर आओ जमीं पर,
साथ देने रात में,
गुज़र जाए रात यूं ही,
एक दूसरे की बात में।
चाँद तुम भी हो अकेले,
कोई नहीं अब साथ है,
मैं भी तन्हा हूँ अकेली,
गुजरती ये रात है,
तुम उतर आओ जमीं पर,
साथ देने रात में,
गुज़र जाए रात यूं ही,
एक दूसरे की बात में।