चाहत
चाहत
तुम्हें चाहते हैं दीवानगी की हद तक,
यह जानते हैं कि तुम को पाना सकेंगे।
कहने को तो है दिल के करीब लोग गई,
तुम्हारी जगह किसी को भी देना सकेंगे।
मुझसे खफा होने की वजह तो बता दे,
एक बार फिर से मुझे देख कर मुस्कुरा दे।
तेरी मुस्कुराहट की कीमत चुकाना सकेंगे।
तुम्हें चाहते हैं दीवानगी की हद तक
यह जानते हैं कि तुम को पाना सकेंगे।
तू जब मेरे पास था तो दुनिया हसीन लगती थी,
पतझड़ भी मुझे हरियाली सी रंगीन लगती थी,
जो गुजारे थे पल साथ हमने कभी,
उन यादों को दिल से लगा कर रखेंगे।
है चाहत मुझे तेरी यादों में
एक लम्हा मेरे नाम का हो
तुम मुझे पा नहीं सकता
मैं तेरी हो नहीं सकती,
फिर भी तेरी बातों में ज़िक्र मेरा आम हो
तुम से कभी दूर जाना सकेंगे
बस चाहेंगे तुमको हमेशा,
लेकिन कभी तुमको बता ना सकेंगे।