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Vivek Netan

Romance

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Vivek Netan

Romance

बस तू ही

बस तू ही

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तेरी मासूमियत से भरी बाते आज भी रुलाती है

जब भी याद आती हो तुम आँखे छलक जाती है

लाख कोशिश की मैंने तुम्हें भुलाने की मगर

हर खुशी हर गम बस तू ही तू याद आती है।


गुजरा हूया वक्त लौट कर तो कभी आता नहीं है

तेरे होने का एहसास है के दिल से जाता नहीं है

ऐसा लगता है के लौट के आ गई हो तुम फिर से

जब कभी भी मेरी गली में कोई आहट आती है।


देर होने पर तेरा मुझ से नाराज होना याद आता है

अब देख कर मुझे हर कोई पास से निकल जाता है

आँखों को आज भी इंतजार है तेरा आने का ऐसा

जो भी सूरत देखूं उस में तू ही तू नजर आती है।


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