बस एक इख़्तियार...
बस एक इख़्तियार...
मासूम सी उलझनों में घिरा हुआ हूँ,
तेरे ख़्वाबों में खुद को ढूँढता फिर रहा हूँ,
एक बसर बस तेरे साथ चाहता हूँ,
दो वक़्त की गुफ़्तगू, मैं तुझसे चाहता हूँ,
कुछ लम्हों का सफ़र तेरे साथ चाहता हूँ,
अपनी खुशियाँ, तुझ से बाँटना चाहता हूँ,
महलों में नहीं, तेरे दिल में जगह चाहता हूँ,
दर-ओ-दीवार पर अपनी, तेरा नाम चाहता हूँ,
सहर अपनी, शाम तेरे साथ चाहता हूँ,
ज़िन्दगी पर अपनी, तेरा इख़्तियार चाहता हूँ।