बढ़ता जा तू उन्माद में
बढ़ता जा तू उन्माद में
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कितने सारे मनुष्य धरा पर
पास है जीने के ऑप्शन अनेक
कोई जिया तो छुप कर
तो किसी के इरादे नेक
कोई जिया तो सिर्फ़ जिया
तो कोई संसार में रौशनी फैलाया
चलना मुश्किल नेकी की राह पर
पर मिलती है सफलताएँ भी अनेक
हिम्मत कर बढ़ आगे सफ़लता की ओर
आज उठा भी ले कदम एक
दिखा दे, जीना है मकसद से
मत रुक, बढ़ता जा तू उन्माद में