बराबरी
बराबरी
होली दहन पर जला देते हैं
घटिया सोच के बासी
रूड़ी वादी रिवायतों को
कला वहीं है जो रंग भर दे
दूसरों की खुशियों में ,
हर किसी के दिल में
इज्ज़त के रंग मंच पर
प्रोत्साहन देते,
उच्च नीच का भेद भाव
मिटा कर प्यार भरे
रंग बिरंगे फूलों से गूंथी माला से
एहसास अपनेपन
का करवाएं।
बराबरी के साथ ख़त्म करे
बेजार से रीति रिवाज।
पीरो ले माला, लगा कर
चंदन का टीका बिखरा दे
हर किसी के दिल में ख़ुशी की लहर।