बो बोलती कुछ नहीं
बो बोलती कुछ नहीं


वो सब देखती है,
वो सब समझती है l
शायद महसूस भी करती है,
पर बोलती कुछ नहीं...
सबको सुनती है,
रोती है, हंसती भी है l
उसे चोट भी लगती है,
आंसुओ के घूंट पी जाती है
पर बोलती कुछ नहीं........
कोई कुछ भी बोले
कभी जबाब नहीं देती l
बस मुस्करा देती है,
शायद कहना चाहती हो,
पर सहम के रह जाती है l
मन की इच्छाओ को दबा देती है,
पर बोलती कुछ नहीं........
वो दोस्त बनाना चाहती है,
पर बनाया नहीं कोई l
इच्छाएं उसकी रह गयी, सोइ सोइ
वो गुनगुनाना चाहती है
पर मूक हो गयी l
बेटी है वो.....
बोलती कुछ नहीं
बोलती कुछ नहीं.........