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mohammad imran

Inspirational

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mohammad imran

Inspirational

बिहार की कुछ देखी कुछ अनदेखी

बिहार की कुछ देखी कुछ अनदेखी

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बिहार में पक्के विधयालय दीखते चारो ओर है

पर अच्छी शिक्षा मिलती नहीं क्या सरकार मजबूर है

प्राइवेट विधयालय के ठाट के आगे क्या सरकारी कमजोर है

बेष भूसा और वातावरण भी उनसे नहीं मिलता है


जब हर रोज सरकारी स्कूली बच्चो का खता खुलता है 

साधन और संसाधन भी न्यूज़ पेपरों में छापते है

फिर विधालय रूखे क्यों है ऐसा ही हम सुनते है

सारे शिक्षक डिग्री वाले फिर भी गुणवत्ता जीरो है


सरकारी विधयालय बदहाल है इसलिए प्राइवेट हीरो है

शिक्षा के लिए पैकेज भी अच्छी खासी आवंटित होती है

फिर भी शिक्षा का मामला दिन ब दिन बदनाम होती है

सवास्थ की गर बात करे तो हवा पानी सब मस्त है


पर सरकारी अस्पतालों की हालत एक दम ध्वस्त

स्वस्थ केंद्र बने चारो ओर सरकार ने बनवाई है

साधन संसाधन कुछ है नहीं कर्मचारी सब गोल है

दवा दारू की बात न क़रीरिये प्राइवेट में ही सब मिलता है


सरकारी डॉक्टर बाबू अपने प्राइवेट क्लिनिक में मिलते है

ड्यूटी पर ये लेट है आते अस्पताल में ये कहा किसी की सुनते है

यानि स्वस्थ भी खतरे में है सरकार भी कुछ करती नहीं

पैसे के अभाव में गरीब की बच्ची मरती नहीं


इलाज के नाम पर लूट का बाजार गर्म है

प्राइवेट में इलाज है पर सारे बेशर्म

बिहार की परिवहन बेवस्ता सरकार का नहीं जोर है

सरकारी बस ना के बराबर जनता ज्यादा किराया देने पे मजबूर है


प्राइवेट चकलाको की मन मानी गुंडा गर्दी सरे आम है

ठूस ठुस के लोगो को भरते यात्रा में कहा आराम है

स्टैंड की हालत खस्ती पूरा गन्दगी बस्ती है

लचर बेवस्ता देखके दुनिया हमपे हस्ती है


रोजगार की बात न करना सरकार अभी असमर्थ है

समय गावके नौकरी ढूँढना बिहार में बेअर्थ है 

चीनी मील सब बंद है

खेती बड़ी में फ़ायदा नहीं बीसनेस्स सारे ठप है


रोजगार को बढ़ावा देने के खातिर सरकार ने बहुत मुहीम चलाये है

पर फिर भी बिहारियों के कहा काम आए ये है

प्रवासी बनना पड़ता है जब दाल रोटी नहीं चलती है

परिवार को छोड़ छाड़ के बिदेश में उम्र ढलती है

बिदेशी पैसो से डेवलोपमेन्ट होता सरकार दम भर्ती है 

गांव में ही रहकर रोजगार मिले सरकार क्यों नहीं कुछ करती है।


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