भूलोक
भूलोक
अद्भुत, अप्रतिम सौंदर्य से है भरा
प्यारा न्यारा भूलोक हमारा
कहीं आसमान छूती पर्वत मालाएं
नदियां कल-कल बहती जाएं
घने जंगलों में विचरण करते
भिन्न भिन्न प्राणियों की कलाएं
कितने रंग बिरंगे फूल
मन को हर्षित करते भरपूर
कला संस्कृति का अनूठा संगम
धरा पर है भारत वर्ष की धूम।