Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anjali Srivastav

Tragedy

2  

Anjali Srivastav

Tragedy

भूख

भूख

1 min
313


इधर - उधर भटक रहे हैं 

फैला कर हाथ बच्चे वो

भरने को पेट कुछ मिल जाए

पर है देखो कितने सच्चे वो।।


दे दो दीदी, दे दो भइया,

कागज़ का बस दस रुपइया

बिलख रहा हूँ कब से मैं तो

साथ नहीं है मेरी मईया।।


कई दिनों से भूखा हूँ और

रोटी को तरस गया हूँ मैं

कैसी है मेरी किस्मत देखो

दर-बदर भटक गया/ रहा हूँ मैं।


सामने वाली खोली में है

एक छोटी सी मेरी बहना

कम से कम तुम उसके ख़ातिर

मेरी हाथ में कुछ तो धरना।।


दारू पीकर बाबा ने मेरे ,

हम सबका जीवन नष्ट किया

पीड़ित होकर माँ मेरी ..

खुद को कष्टों से मुक्त किया।।


देकर सारी जिम्मेदारी कम उम्र में

ही जीवन का सार सीखा दिया

मेरे नन्हें हाथों से लाचारी

का नव पाठ पढ़ा दिया।।


दे दो कुछ साहब तो रास्ता नापे

कह दी अब सब दिल की बातें

नन्ही जान को कुछ तो खिला दूँ

अपनी तो बस यूं ही कटती है रातें।।



Rate this content
Log in