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Nitu Rathore Rathore

Romance

4.0  

Nitu Rathore Rathore

Romance

बहुत दिन हमने

बहुत दिन हमने

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साथ मुश्क़िल में निभाया है बहुत दिन हमनें

हौसला दिल से बढ़ाया है बहुत दिन हमनें।


मन के नाज़ुक से तारो को छेड़ा है किसने

दिल में अहसास जगाया है बहुत दिन हमनें।


तुम परेशां न होना दर्द को महसूस करके

क्यों मोहब्बत को सताया है बहुत दिन हमनें।


तुमको मालूम नही गम में डूबी है शामें 

दुनिया को जो हँसाया है बहुत दिन हमनें।


मुझें न शिक़वा किसी की बेरुख़ी से हुआ

दिल से दिल तेरे लगाया है बहुत दिन हमनें।


तुझपे इल्ज़ाम लगाना भी देखा मुश्क़िल हैं

वक्त ख़्वाबों में गंवाया है बहुत दिन हमनें।


कुछ अमानत है जो महफ़ूज रखी है अब तक

घर तूफाँ में "नीतू" बनाया है बहुत दिन हमनें।


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