भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार
हाँ। मैं हूँ भ्रष्टाचार
किसी ने देखा नहीं मुझको
पर महसूस करते हो हर बार
नहीं पहचानता कोई मेरा चेहरा
नहीं जानता कोई मेरा पता
पर किया है खोखला
देश को मैंने हर बार
हाँ। मैं हूँ भ्रष्टाचार
मैं सभी में हूँ जीता
सभी में खाता पीता
आगे बढ़ता, चलता जाता
मिले मुझे बस एक मौका
सब कुछ छीन कर सबको चौंका देता
खुलती मेरी पोल बार बार
तो चौंका देता मैं सबको हर बार
हाँ। मैं हूँ भ्रष्टाचार
चाहे कर लो मुझ पर कितना भी वार
पर मैं बढूँगा आगे हर बार
हाँ। मैं हूँ भ्रष्टाचार
हाँ। मैं हूँ भ्रष्टाचार