बहन की राखी
बहन की राखी
(बहन ने भाई को खत लिखा)
इस बार भी रेशम की डोर!
बिन कलाई सुनी रह गई
भैय्या मेरे राखी के बंधन पे तो आना होगा!
पहले बुलाया अब के नहीं बुलाना होगा!!
भैय्या तुमने कहा था इस बार में आऊंगा!
अबकी बार राखी तेरी बंधवा कर जाऊंगा!!
रेशम की डोर बिन कलाई सुनी रह गई!
आना था तुमको यह बात अधूरी रह गई!
भैय्या मेरे बैठी रहती इंतजार में तेरे
इस बार भी रेशम की डोर रखी रह गई!!
याद है वो तेरे बचपन दिन!
मेरे पास आना मां के बिना!!
वो तेरा रूठ कर पैसे मांगना!
वो तेरा मुझ से पहले जागना!!
मेरी किताबों में शब्द को ढूंढ़ना!
मैं ना दिखाई दूँ मां से बार बार पूछना!!
सबसे पहले आगे हाथ बढ़ाने वाले!
ओ मेरे भाई हर बार राखी बंधवाने वाले!!
तू आना क्यों भूल जाता है!
हर बार क्यों मुझे रुलाता है!!
क्या राखी की कीमत घट गई है!
बहन भी तेरे हिस्से में बट गई है!!
सारी उम्मीदें हर वर्ष की तरह रह गई!!
इस बार भी रेशम की डोर!
बिन कलाई सुनी रह गई!!
क्यों रुलाता है तू अनमोल रतन मेरे!
आजा लौट कर एक बार घर के चमन मेरे!!
देख भैय्या इस बार कोई बहाना ना होगा!
आना होगा तुम को फिर जाना ना होगा!!
तेरे बिन मां ने मेरी सगाई कर दी!
बीमार मां की मैं ही दवाई करती!
मैं तो तेरी लाडली हूं आजा मेरे भाई!
जिस घर में बीता बचपन हमारा उस घर से मुझे पराई कर दी!!
ना तेरा कोई खत आता ना कोई खबर!
अंतर्मन सब दुखी हैं मिलाने को तुझसे नजर!!
तू कैसे भूल गया वो बचपन की यादें!
तू कैसे भूल गया हमारी सब बातें!!
तुझ से ही तो बचपन का मेला था!
तेरी डांट को मैंने अपने पे झेला था!!
तू ही मात पिता की कहानी है
तुझसे ही सारी जिंदगानी है!
तू ही वो बचपन की कश्ती
तू ही बारिश का बहता पानी है!!
भाई तेरे बिना ये बहन अधूरी रह गई!
इस बार भी रेशम की डोरी!
बिन कलाई सुनी रह गई!!
ये बता भाई मेरी याद आती होगी ना!
पुरानी बाते क्या तुझे रुलाती होंगी ना!!
वो मिट्टी का खिलौना!
वो बारिश का होना!!
वो खेत में गेहूं का पुला!
वो आंगन में सावन का झूला!!
सब याद तो होगा ना तुझ को!
सच बताना कही भूल तो नहीं गया मुझ को!!
तू समय पे खाना तो खा लेता है!
क्या मेरी याद में कुछ गा लेता है!!
क्या गा लेता है वो बचपन का गीत!
क्या तू भुला तो नहीं हमारी रीत!!
जीवन के इस जन्म मरण में
भाई सा रतन नहीं है!
इस धरातल पे भाई बहन सा पवित्र दूजा मिलन नहीं है!!
भाई को देख चुपके आंसू जो बहा दे!
अपना दुःख, मां बाप, को ना बताई भाई को बता दे!
बहन के साथ हर वक़्त खड़ा भाई हो
इस धरातल पे कोई शत्रु नहीं
जो बहन को सता दे!!
सरफिरे की ये कलम क्या कह गई!
इस बार भी रेशम की डोर
बिन कलाई के सुनी रह गई!!